“ॐ”
उषाजी से मेरा परिचय 10-11 साल पहले सत्संग में हुआ था। उन्हेंने कहा आप चारें साथ में भजन गाते हुए सत्संग में जाते हैं तो मैं भी आप लोगें के साथ चलूंगी। रोज रोज साथ जानेसे इनकी खूबियों का पता लगने लगा। पहिले तो यह feel हुआ किये मेरी मॉँ जैसी लगती है, क्येंकि मेरी मॉँ की height व शरीर की बनावट व आदते इनसे मिलती जुलती थी। फिर रोज रोज मिलने से इनकी खासियतें की जानकारी मिलने लगी। उषाजी हमेशा elegently & well dressed रहती है व हमेशा मुस्कुराते हुए मिलती हैं, चाहे तबियत कम ठीक हो या कोई चिन्ता भी हो। हमेशा प्रेमसे बात करना, सबके साथ मिलकर रहना, सबको अपने साथ मिलाकर चलना, यह सीखने की बात है। ये सबसे बिना हिचक के आगे बढकर, चाहे छोटा ही या बडी उमर का हो बातें कर लेती हैं। सबकी समस्या भी प्रेम से सुनकर उचित सलाह भी देती है।
इनको इनकी चीजें का शौक है कि ये कमी भी Bore नही हो सकती हैं। जैसे खाना बनाना, खिलाना, किताब पढना, घुमना, walkingg करना, पिक्चर देखना, नये नये resturantt में जाना, फोटोग्राफी करना, गाना सुनना, नई जगहें में जाना व सबको साथ ले जाना और सारा program पूरा सुचारु ढंग से organise करना जिसमें कभी भी कोई कमी नही रहती है। हम लोग उन्हें organising committee का chairman कहते हैं। If thing get better with age, then you are approaching Magnificent उषाजी आपको 75 वे साल की वर्षगांठ पर बहुत बहुत बधाईयें में से यही प्रार्थना है की आपको स्वस्थ्य एवं आनन्द से भरा हुआ जीवन प्रदान करे।